Sambhog Shakti Badhane Ke Upay
संभोग शक्ति बढ़ाने के उपाय
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स्त्री और पुरूष के जीवन में उम्र का एक ऐसा पड़ाव भी आता है, जब वे युवा होकर विवाह बंधन में बंध जाते हैं और अपने जीवन निर्वाह के साथ-साथ संभोग का आनंद भी लेेते हैं। सुखी विवाहित जीवन के लिए पति-पत्नी में जहां प्रेम और विश्वास की जरूरत होती है, वहीं सफल संभोग भी उनके रिश्ते को और मजबूत बनाता है। यदि पत्नी संभोग में अतृप्त रह जाये, तो कहीं न कहीं उस स्त्री के मन में अपने पति व पुरूष के लिए घृणा घर करने लगती है। फिर धीरे-धीरे यही घृणा गहरी होती जाती है और रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है।
इस हिंदी लेख में उन पुरूषों के लिए जिनमें संभोग शक्ति का अभाव है यानी जो पुरूष अपनी पत्नी को पूर्ण संतुष्ट नहीं कर पाते, उनके लिए बहुत ही कारगर देसी उपाय बताये गये हैं। पढ़ें, जानें और लाभ उठायें।
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संभोग शक्ति बढ़ाने वाले योग
1. गोखरू 150 ग्रा., सफेद मूसली 500 ग्राम एवं तालमखाने के बीज 100 ग्रा.। कूट-छानकर रख लें। 6 से 10 ग्राम तक पाव भर दूध में डालकर उबालें। जब दूध आधा रह जाये तब उसमें मिश्री डालकर पीयें। 2-3 मास तक प्रतिदिन सेवन करते रहने से संभोग शक्ति में वृद्धि होती है।
2. सफेद चिरमिटी एवं शतावर का चूर्ण खाकर ऊपर से दूध पीने से मैथुन शक्ति में वृद्धि होती है।
3. पानी 100 मि.लि. सफेद मूसली का चूर्ण 10 ग्राम, मिश्री 20 ग्राम लेकर किसी मिट्टी के सकोरे में रात को भिगोकर सवेरे पी लिया करें। तीस दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए इसका सेवन करते रहने से कामोत्तेजना की कमी तथा वीर्याल्पता निःसंदेह दूर हो जाती है। रति शक्ति में इतनी वृद्धि होती है कि पचास साल का प्रौढ़ भी स्वयं को 20 वर्षीय नवयुवक समझने लगता है। एक बार प्रतिदिन लेते रहने से वृद्धवस्था तक प्रसंग शक्ति का नुकसान नहीं होता है।
4. बूरा अरमनी 2 ग्राम लेकर पीसकर तथा शहद मिलाकर अण्डकोषों, लिंग एवं नाभि के नीचे मालिश करने से रति शक्ति में वृद्धि होती है।
5. पिसी-छनी मुलहठी, असगन्ध 25-25 ग्राम एवं पिसा-छना बिधारा 12 ग्राम लेकर इनको मिलाकर शीशी में भर लें। शीत ऋतु में ढाई ग्राम चूर्ण तथा उत्तम घुटा हुआ मकरध्वज एक रत्ती, इन्हें मिश्रीयुक्त दूध मिलाकर नित्य सुबह-शाम 3-4 मास खाने से संभोग शक्ति में अपूर्व वृद्धि होती है।
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6. चने 10 ग्राम एक पाव दूध में रात्रि को भिगो दें तथा सुबह दूध से निकाल कर घोट लें तथा इसमें मिश्री और मक्खन मिलाकर चटायें और ऊपर से दूध पिलायें। कुछ दिन के प्रयोग से रति शक्ति में आश्चर्यजनक वृद्धि होगी।
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7. स्वर्ण भस्म भांगरे के रस या गाय के दूध या घी, मिश्री या आंवले के मुरब्बे में चाटें। ऊपर से मिश्रीयुक्त दूध पीयें। पुरूषार्थ, बल, वीर्य, उत्तेजना खूब बढ़ेंगे। नपुंसकता, धातुहीनता, अशक्ति मिटेंगे।
8. जायफल 5 ग्राम, जावित्री 5 ग्राम, शुद्ध कुचला 5 ग्राम, सूर्यतापी शिलाजीत 50 ग्राम, कश्मीरी कस्तूरी 1 ग्राम, रेगमाही 12 ग्राम, केसर 1 ग्राम। सबको बारीक पीसकर चने के बराबर गोलियां बना लें। 1-1 गोली सुबह-शाम मलाई में लपेट कर खायें। ऊपर से गाय का गर्म दूध पीयें। 25 दिन में ऐसी शक्ति उत्पन्न होगी कि आप चकित रह जायेंगे।
9. काले तिल 100 ग्राम को कड़ाही में भून लें। तत्पश्चात् चावल का आटा 100 ग्राम तथा घी 250 ग्राम इसमें मिला लें। फिर इन सबसे दो गुणा शक्कर मिलाकर रख लें। 25 ग्राम की मात्रा में सुबह एंव रात्रि को खाकर ऊपर से दूध पीयें। इससे वीर्य व बल में वृद्धि होती है।
10. तुलसी के बीजों के साथ समान मात्रा में पुराना गुड़ मिलाकर रख लें। इसमें से डेढ़ से तीन ग्राम की मात्रा सुबह-शाम गौ दूध से सेवन करें। 5-6 सप्ताह में वीर्य विकार दूर होकर पुरूषत्व की वृद्धि होती है।
11. बूटी हज़ारदानी, नकछिकनी, सौंठ समान मात्रा में कूट-छान लें। 4-4 ग्राम सुबह व शाम को गाय के गर्म दूध के साथ खाने से कैसा भी नामर्द हो, 15 दिन में मर्द बन जाता है। तीव्रता एवं उत्तेजना उत्पन्न होती है।
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12. लाजवन्ती के बीज 3 ग्राम, मिश्री 6 ग्राम चूर्ण बना लें, यह एक मात्रा है। निरंतर दो सप्ताह तक सुबह-शाम गाय के दूध से दें। इससे ऐसी स्तम्भ शक्ति उत्पन्न होगी कि अफीम की आवश्यकता नहीं रहेगी और न ही कोई हानि होगी।
13. गाजर के बीज 4 ग्राम, अकरकह 2 ग्राम, जावित्री 2 ग्राम, शाहदाना 2 ग्राम, फिटकरी सफेद आधा ग्राम, मस्तगी रूमी डेढ़ ग्राम, लौद कच्चा 1 ग्राम, अजवायन 1 ग्राम, लौंग 1 ग्राम। सब औषधियों को चूर्ण करके तीन गुणा शहद में मिलाकर माजून बना लें। 3 ग्राम प्रतिदिन हर वर्ष एक सप्ताह तक लगातार इस माजून का प्रयोग किया जाये तो कामशक्ति में कमी नहीं आती है।
14. अकरकरह 1 ग्राम, रिहा के बीज 8 ग्राम, गुड़ 9 ग्राम कूट-पीसकर कपड़छान कर लें और पानी की सहायता से चने के बराबर गोलियां बना लें। संभोग से 1 घण्टा पूर्व 1 गोली दूध के साथ निगल लें।
15. बिनौले 100 ग्राम लेकर कूट-पीसकर कपड़छान करके रख लें। रात को सोते समय दूध एक पाव में 1 तोला डालकर खूब उबालें। जब 2-3 उबालें आ जायें, तो चीनी उचित मात्रा में मिलाकर उबाल कर रख दें। स्वभाव के अनुसार गर्म अथव गुनगुने दूध को रात को प्रयोग किया करें। बस सर्दियों की ऋतु में दो मास में एक सप्ताह प्रतिदिन प्रयोग करें। वीर्यप्रमेह, स्वप्नदोष तथा शारीरिक कमज़ोरी दूर होकर रति शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
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